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जीविका का महत

जीविका का महत्व हमारे जीवन में उतना ही है जितना कि शरीर के लिए भोजन का।
जीविका केवल जीवन को चलाने का एक माध्यम है, न कि जीवन का उद्देश्य। आज के समय में लोग जीविका को ही सब कुछ मान बैठे हैं। धन कमाने, ऐश्वर्य पाने और सांसारिक भोगों में लिप्त होने की होड़ में, वे अपने जीवन के वास्तविक उद्देश्य को पूरी तरह भुला चुके हैं। जीविका का सही उद्देश्य है कि यह हमारे जीवन को सरल और निर्भय बनाए, हमें जीवन-यापन में सहायता करे। लेकिन यह जीवन के लिए धन-संपत्ति इकट्ठा करने और उसका उपभोग करने के लिए नहीं है। यह शरीर, यह जीवन हमें ईश्वर की प्राप्ति और उनके प्रति समर्पण के लिए मिला है।

हम इस संसार में अपने कर्मों के कारण बंधे हुए हैं। जो भी सुख और दुख हमें मिलता है, वह हमारे ही पूर्वजन्मों के कर्मों का परिणाम है। प्रारब्ध के अनुसार जो फल हमारे हिस्से में आता है, उसे हमें भोगना ही पड़ता है। परंतु इन सबके बीच हम भूल जाते हैं कि इन बंधनों से मुक्ति कैसे पाएँ। ईश्वर हमें बार-बार इस जन्म-मृत्यु के चक्र से बचाने के लिए तत्पर रहते हैं। परंतु हम स्वयं ही उनकी ओर नहीं बढ़ते। हम संसार की मोह-माया में उलझकर धन, ऐश्वर्य, स्त्री और मान-सम्मान जैसे भोगों में अपना जीवन बर्बाद कर देते हैं। यही हमारे जीवन का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है।

जब हम गर्भ में होते हैं, तब भगवान से प्रार्थना करते हैं कि इस कष्ट से हमें मुक्ति मिले। उस समय हम वादा करते हैं कि उनके भजन और भक्ति में अपना जीवन लगाएंगे। परंतु जब संसार में आते हैं, तो वही माया और अज्ञान हमें अपनी ओर खींच लेता है। हम पुनः उन्हीं सांसारिक प्रपंचों में उलझ जाते हैं, जिन्हें छोड़ने का हमने प्रण लिया था। यह भूल ही हमारे दुखों का मूल कारण है। संसार के सुख-दुख तो हमारे आसपास सदैव बने रहते हैं, लेकिन उनका अनुभव के लिए हमारे मन को होता है। यदि मन पवित्र और शुद्ध हो, तो यह संसार के बंधनों से ऊपर उठ सकता है।

जीवन का उद्देश्य केवल जीविका चलाना नहीं, बल्कि अपने मन और आत्मा को शुद्ध करके भगवान के चरणों में समर्पित करना है। भगवान की प्राप्ति और मोक्ष ही जीवन का अंतिम लक्ष्य है। जीविका का उपयोग केवल उतना ही होना चाहिए, जितना हमारे जीवन को सरल और निर्बाध बनाने के लिए आवश्यक हो। जब हम अपने मन, अपने कर्म और अपने जीवन को भगवान के लिए समर्पित करते हैं, तभी हमारा जीवन सार्थक बनता है। यह संतुलन ही हमें सच्चे सुख और शांति की ओर ले जाता है।


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